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अनु क्र.
नाम
२१९) मैत्री भावना सर्वश्रेष्ठ प्रार्थन
२२०) उपसर्ग सहनें में मैत्री भावना
२२१) प्रमोद भावना
२२२) द्रव्य का लक्षण
२२३) गुण प्रधान जैन धर्म
२२४) श्रीकृष्ण की गुण ग्राहिता
२२५) सर्व दुःख विनाशीनी करुणा भावना
२२६) पर दुःख विनाशीनी करुणा
२२७) द्रव्य और भाव करुणा भावना
२२८) करुणा सागर भगवान महावीर
२२९) माध्यस्थ भावना
२३०) उदासिनता
२३१) नमस्कार महामंत्र और नवतत्व
२३२) नयवाद से नवकार की सिद्धी
२३३) नय की परिभाषा
२३४) नय के प्रकार
२३५) शुद्ध नयानुसार आत्मा का स्वरुप
२३६) अष्टांग योग : नवकार महामंत्र परिशीलन
२३७) नवकार से लेशा विशुद्धी का विश्लेषण
२३८) लेश्याकी परिभाषा
२३९) लेश्या से भावमुक्ति
२४०) लेश्या और आगामी जन्म
२४१) प्रशमरति प्रकरण में लेश्या का वर्णन
२४२) रंग विज्ञान के आधार पर नवकार मंत्र का निरुपण
२४३) नवकार मंत्र और शरीर विज्ञान
२४४) नवकार से कृतज्ञभाव का उद्भव तथा विकास
पान क्र.
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