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१२४) 'हवइ' पाठान्तरम् १२५) पंचनमस्कृति - दीपक, नमस्कार - स्वाध्याय (संस्कृत विभाग) पृ. २१० १२६) पंचनमस्कृति दीपक-रक्षा मंत्र ७४, नमस्कार स्वाध्याय (संस्कृत विभाग) पृ. २१० १२७) सचित्र णमोकार महामंत्र : (सं. श्री चंद सुराणा) १२८) जीवन धर्म पृ. १३ १२९) Readers Digest Feb - 1960 १३०) Reader's Digest Feb - 1958 १३१) ननु उवसग्गे पीड़ा कूरग्गह दंसण भओ संका।
जइ वि न हवंति ए ए, तह वि सगुझं भणिज्जासु ॥
नवकार-सार- धवणं, गाथा - ३२ १३२) सवी मंत्र मां सारो, भाख्यो श्री नवकार ।
कह्या न जायरे एहना, जे छे बहु उपकार ।।
नवकार यात्रा (संकलन - सर्वेश वोरा) - पृ. ९२ १३३) महामंत्र की अनुप्रेक्षा :(ले. भद्रंकर विजयजी) पृ. ३७ १३४) क) त्रैलोक्य दीपक महामंत्राधिराज : (ले. भद्रंकर विजयजी) पृ. ५७१
ख) णमोक्कार महामंत्र : (दिनेशभाई मोदी) पृ. २९ १३५) भारतीय दर्शन : (ले. पंडित बलदेव उपाध्याय) पृ.१११ १३६) मंत्राधिराज भाग २ : (भद्रंकर विजयजी) पृ. ३४८. १३७) आगम युगका जैन दर्शन : (ले. दलसुख मालवणीया) पृ. २१० १३८) प्रवचनसार : (ले. कुंदकुंदाचार्य) पृ. १९२ १३९) सचित्र गणधरवाद, भाग २ : (ले. अरुण विजयजी गणिवर्य) पृ. २०८,२१० १४०) नाम चिंतामणि : (ले. रामचंद्र कृष्ण कामत) पृ. २५,२६ १४१) त्रैलोक्य दीपक : महामंत्राधिराज (भद्रंकर विजयजी) पृ. ४४-४५ १४२) मंत्रधिराज : भाग ३, पृ.८१३ १४३) जायते येन येनेह, विहितेन स्थिरं मनः
तत्तदेव विधातव्यभासनं ध्यान-साधनम् ॥ योगशास्त्र प्रकाश - ४, श्लोक १३४
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