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________________ आगम के आलोक में - समाधिमरण या सल्लेखना डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल 30 हजार • प्रथम दो संस्करण (15 अगस्त 2015 से अद्यतन) तृतीय संस्करण (22 अक्टूबर 2015) (विजयादशमी) : 5 हजार कुल : 35 हजार मूल्य : पाँच रुपये प्रस्तुत कृति के प्रकाशन सहयोग हेतु मधुविहार नई दिल्ली निवासी श्रीमान् अशोककुमारजी जैन (गिफ्ट पैलेस) की ओर से 51,000/- रुपये की टाइपसैटिंग : । राशि सधन्यवाद प्राप्त हुई। त्रिमूर्ति कम्प्यूटर्स, ए-4, बापूनगर, जयपुर ISBN-978-81-931576-5-7] विषय-सूची | 1. आगम के आलोक में - समाधिमरण या सल्लेखना मुद्रक : | 2. सल्लेखना का प्रयोगिक स्वरूप 28 रैनवो ऑफसेट प्रिंटर्स 3. एक साक्षात्कार : डॉ भारिल्ल से 45| बाईस गोदाम, जयपुर • प्रथम दो संस्करण पण्डित टोडरमल सर्वोदय ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित हैं।
SR No.002296
Book TitleSamadhimaran Ya Sallekhana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherPandit Todarmal Smarak Trust
Publication Year2015
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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