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चारित्र की उपमाएँ संयम यानी चारित्र अनेक उपमाओं से समलंकृत है। जैसे
(१) सम्यक्चारित्र-प्रात्मा का 'अत्युत्तम गुरण' है ।
(२) सम्यक्चारित्र-प्रात्मा के कर्मशत्रुओं का सर्वथा विनाश करने वाला 'महान् शस्त्र' है ।
(३) सम्यक्चारित्र-आत्मा की कर्म-निर्जरा का 'अनु. पम साधन' है।
(४) सम्यक्चारित्र-प्रात्मा को सम्पूर्णपने अहिंसक जीवन जीने का 'असाधारण स्थान' है ।
(५) सम्यक्चारित्र-सम्यग्दर्शन एवं सम्यग्ज्ञान द्वारा संसार-सागर तिराके मुक्ति किनारे पहुँचाने वाला 'अलौकिक (स्टीमर) जहाज' है।
(६) सम्यक्चारित्र-भव्यात्मा को मुक्तिपुरी में शीघ्र ले जाने वाला 'अजोड़ विशेष दिव्य विमान' है ।
(७) सम्यक्चारित्र (दीक्षा)-मुक्तिवधू की 'महान् दूती' है। (८) सम्यक्चारित्र-प्रात्मा को पंच महाव्रत और छठे
श्रीसिद्धचक्र-नवपदस्वरूपदर्शन-२२२