________________
लालवर्ण से करने की है। ऐसे अन्य भी अनेक कारण मिलते हैं। आगमादि शास्त्रों में सिद्धभगवन्तों का लालवर्ण ही प्रतिपादित किया गया है ।
श्रीसिद्धभगवन्तों को प्रथमतः
नमस्कार क्यों नहीं ? प्रश्न- श्री अरिहन्तदेवों की अपेक्षा श्रीसिद्धभगवन्त आठों कर्मों पर विजय प्राप्त कर चरम सीमा के स्थान मोक्ष को भी प्राप्त कर चुके हैं, अतः श्रीअरिहन्तदेवों से पहले श्रीसिद्धभगवन्तों को नमस्कार क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर- श्रीसिद्धचक्र-नवपदजी में तथा श्रीनमस्कारमहामन्त्र में श्रीसिद्धभगवन्तों का नमस्कार रूप में द्वितीय स्थान है । श्रीअरिहन्त भगवन्तों से श्रीसिद्धभगवन्त विशेष होने पर भी श्रीअरिहन्तदेव हमारे विशेष उपकारक हैं। श्रीसिद्धभगवन्तों की अपेक्षा श्री अरिहन्त भगवन्तों का हम पर निकट का भी उपकार ज्यादा है क्योंकि धर्मतीर्थ प्रवर्ताने वाले श्रीअरिहन्त भगवान हैं। उन्हीं के तीर्थशासन में रहकर हम हमारी प्रात्म-साधना का मङ्गलमय कार्य सर्वदा करते हैं। प्ररिहन्त भगवान ही तो हमें . श्रीसिद्धभगवान की स्थिति आदि के सम्बन्ध में समझाते हैं।
श्रीसिद्धचक्र-नवपदस्वरूपदर्शन-७१