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2. च वर्ग के वर्षों में द्वित्व होने वाले संयुक्त व्यंजन : त्य , च्च सच्चं सत्यम् पच्चओर प्रत्ययः त्व , च्च सोच्चा ( श्रुत्वा तव्वं ( तत्वं क्ष > छ छमा ८ क्षमा छणो < क्षणः त्स > च्छ उच्छाहो ( उत्साहः मच्छरो < मत्सरः द्य , ज जुई युतिः जोओ < द्योतः द्य , ज मज र मद्यम् वेज्जो < वैद्यः र्य , ज अज्जो र आर्यः भज्जा < भार्या ध्य , झ झाणं ८ ध्यानम् उवज्झाओ < उपाध्यायः 3. ट वर्ग के वर्षों में द्वित्व :
पयट्टा < प्रवृत्तः मट्टिआ मृत्तिका, चउट्ठो ( चतुर्थः अट्ठो र अर्थः सुट्ट र सुष्ठु कोट्ठागारो < कोष्ठागारः
सड्ढा ( श्रृद्धा अड्डाइजेसु (अर्धतृतीयेषु ज्ञ - ण आणा < आज्ञा णाणं ज्ञानं ज्ञ , पण सण्णा < संज्ञा पण्णां प्रज्ञा 4.(ख) त वर्ग: त्र ) त धत्ती < धात्री पत्तं < पात्रं
छत्तो < छात्रः णेत्तं < नेत्रः स्त > त्थ हत्थो ( हस्तः पत्थरो < प्रस्तरः
पसत्थो < प्रशस्त सत्थि र स्वस्ति स्त > थ थोअं < स्तोकम् थुई < स्तुति 5. प वर्ग एवं अन्तस्थ आदि संयुक्त व्यंजन त्म प्प अप्पा < आत्मा (अत्ता) आदा < आत्मा स्प > फ फंदणं < स्पन्दनम् . फासो < स्पर्शः
जम्मो र जन्म वम्महो < मन्मथः हम > म्भ बम्भणो र ब्राह्मणः . बम्भचेरं ब्रह्मचर्य
प्राकृत रत्नाकर 0 235
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