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प्राकृत
अर्थ
अणिय
फिर भी प्राकृत के तत्त्व मराठी में अधिक हैं। जो शब्द 5-6वीं शताब्दी के प्राकृत ग्रन्थों में प्रयुक्त होते थे वे भी आज की मराठी में सम्मिलित हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि प्राकृत और मराठी का सम्बन्ध बहुत पुराना है- भाषा और क्षेत्र दोनों की दृष्टि से। मराठी के वे कुछ शब्द यहाँ प्रस्तुत हैं जो प्राकृत साहित्य में भी प्रयुक्त हुए हैं तथा जिनके दोनों में समान अर्थ हैं।
मराठी
अणिया अग्रभाग अंगोहलि आंघोल गले तक का स्नान उन्दर उन्दीर चूहा कच्छोट्ठ कासोटा कटिवस्त्र करवती करवत करवा कोल्लुग कोल्हा गार गुड़िया
गुटी तोटण जल्ल जाल
शरीर का मैल दद्दर दादर दौद्धिअ
लौकी
ले जाकर मेदणा
गार
गीदड़ पत्थर घोड़ा
सीढ़ी
नेऊन
नेऊण मेहुण
साला
सुणह
256. प्राकृत और पश्चिमी भाषाएँ ।
आधुनिक आर्य भाषाओं और बोलियों के वर्गीकरण तथा उनके प्राचीन रूप के अध्ययन अनुसन्धान में डॉ. ग्रियसेन और डॉ. सुनीतिकुमार चटर्जी के मत उल्लेखनीय माने जाते हैं। अन्य विद्वानों ने भी इस विषय पर कार्य किया है। पश्चिमी भारत की आधुनिक भाषाओं में सिन्धी, पंजाबी, राजस्थानी और गुजराती प्रमुख हैं। सिन्ध के ब्राचड़ प्रदेश में बोली जाने वाली अपभ्रंश से सिन्धी भाषा का 210 0 प्राकृत रत्नाकर