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________________ संक्रान्ति काल की कुछ रचनाएँ इस बात की सबल प्रमाण हैं कि प्राचीन अपभ्रंश आदि में नवीन भाषाओं का कैसे समिश्रण हो रहा था। अब्दुल रहमान के सन्देशरासक में स्वर संकोच होने लग गया था। संयुक्त व्यंजनों में से प्रायः एक ही सुरक्षित रखा जाता था। जैसे उच्छवास, उस्सास, उसास आदि। इसी तरह प्राकृतपेंगलम् एवं पुरातनप्रबन्धसंग्रह की भाषा क्रमशः अपभ्रंश की स्थिति को छोड़ती हुई लोकभाषाओं की ओर बढ़ रही थी। पश्चिमी हिन्दी गुजराती और राजस्थानी भाषाओं के बीज इनमें देखे जा सकते हैं। उक्तिव्यक्तिप्रकरणम् की भाषा में काशी, कोशल प्रदेश की काव्य भाषा के स्वरूप का प्रमाणिक परिचय मिलता है। विशेषकर अवधी भाषा का प्राचीन रूप इनमें देखा जा सकता है। इस ग्रन्थ की भाषा में आधुनिक भारतीय भाषाओं को जन्म देने वाली सामान्य प्रवृत्तियाँ परिलक्षित होती हैं। वर्ण रत्नाकर मैथिली का प्रचीनतम् उपलब्ध ग्रन्थ है। इसकी भाषा में मैथिली के प्राचीनतम रूप तो सुरक्षित हैं ही बंगला मगही और भोजपुरी भाषाओं के प्राचीन रूपों पर भी इससे प्रकाश पड़ता है। कीर्तिलता नामक अवहट्ट भाषा का ग्रन्थ इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सामग्री प्रस्तुत करता है। चर्यापद की भाषा की कुछ विशेषताएँ बंगला के विकास पर प्रकाश डालती हैं। बंगला तथा पूर्वी भारत की अन्य भाषाएँ असमिया, उडिया आदि मागधी प्राकृत व अपभ्रंश की प्रवृत्तियों से अधिक प्रभावित हैं । ज्ञानेश्वरी की भाषा में मराठी आदि भाषा का प्राचीन रूप देखने को मिलता है, जो महराष्ट्री प्राकृत से विकसित माना जाता है। 254. प्राकृत और कन्नड़, तमिल, तेलगु केवल मराठी ही नहीं अपितु दक्षिण भारत की अन्य भाषाएँ भी प्राकृत के प्रभाव से अछूती नहीं हैं। यद्यपि उनमें संस्कृत के शब्दों की अधिकता है तथापि उन्होंने लोक-भाषाओं से भी शब्दों का संग्रह किया है। दक्षिण की कन्नड़, तमिल, तेलगु, मलयालम आदि भाषाओं में प्राकृत के तत्त्व विषय को लेकर स्वतन्त्रा अनुसन्धान की आवश्यकता है। कुछ विद्वनों ने इस विषय पर कार्य भी किया है । इन भाषाओं में प्रयुक्त प्राकृत से विकसित कुछ शब्द इस प्रकार हैं प्राकृत रत्नाकर 0207
SR No.002287
Book TitlePrakrit Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
Publication Year2012
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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