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धातुपाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता ( १ )
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काशकृत्स्न का धातुपाठ तो कन्नड - टीका - सहित प्रकाश में आ ही चुका है । इस प्रकार पाणिनि से पूर्ववर्ती धातुपाठों में केवल काशकृत्स्न का धातुपाठ ही इस समय हमें पूर्ण रूप में उपलब्ध है ।
इस अध्याय में पाणिनि से पूर्ववर्त्ती परिज्ञात धातुपाठ - प्रवक्ता श्राचार्यों का निर्देश करके अगले अध्याय में पाणिनीय धातुपाठ और ५ उसके वृत्तिकारो का वर्णन करेंगे ।
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