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[२१] २६-परिभाषापाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता ३०२ __ परिभाषा का लक्षण ३०२, परिभाषाओं का द्वैविध्य ३०३, परिभाषाओं का प्रमाण्य ३०४, परिभाषाओं का चातुर्विध्य ३०४, परिभाषाओं का मूल ३०५।
परिभाषा-प्रवक्ता-१. काशकृत्स्न ३०७, २. व्याडि ३०७; परिभाषापाठ का नाम ३०६, अनेक प्रकार के पाठ ३१०, वैशिष्ट्य ३११, वृत्तिकार ३११; ३. पाणिनि ३१२। परिभाषापाठ के व्याख्याता-१. हरदत्त ३१३, २. अज्ञातनाम ३१३; ३. पुरुषोत्तमदेव ३१३; ४. सीरदेव ३१५; ब्याख्याकार-श्रीमान् शर्मा ३१६, रामभद्र दीक्षित ३१७, अज्ञातनामा ३१७; ५. शेषविष्णु ३१७; ६. परिभाषाविवरण कार ३१८; ७. परिभाषावृत्तिकार ३१८; ८. नीलकण्ठ वाजपेयी ३१६, ६. भीम ३२०; वैद्यनाथ ३२०; व्याख्याकार-- स्वयंप्रकाशनन्द सरस्वती ३२२; अप्पा दीक्षित ३२२; ११. हरि भास्कर अग्निहोत्री ३२३, १२. हरि भास्कर अग्निहोत्री का शिष्य ३२५; १३. धर्मसूरि ३२५, १४. अप्पा सुधी ३२६; १५. उदयंकर भट्ट ३२६; १६, नागेश भट्ट ३२७, नौ टीकाकार ३२८; १७. शेषाद्रिनाथ सुधी ३२६; १८. रामप्रसाद द्विवेदी ३२६; १६. गोविन्दाचार्य ३३०; २० परिभाषाविवृत्तिकार ३३०; २१. परिभाषाविवृत्ति-व्याख्याकार ३३०, २२, २३ परिभाषा-वृत्तिकार ३३१ । - पाणिनि से उत्तरवर्ती–४. कातन्त्र-परिभाषा-प्रवक्ता ३३१, वृत्तिकार-अज्ञातनाम ३३३, दुर्गसिंह ३३४, कवीन्दु जयदेव ३३४, भावमिश्र ३३४, माधवदास कविचन्द्रभिषक ३३५; ५. चन्द्रगोमी ३३५, ६. जैनेन्द्र सम्बद्ध परिभाषा ३३७; ७. शाकटायन तन्त्रसंबद्ध परिभाषा ३३७, ८. श्री भोजदेव ३३७, ९. हेमचन्द्राचार्य ३३८; पूरक-हेमहंसगणि ३३६, व्याख्याकार-अज्ञातनाम ३४०, हेमहंसगणि ३४०, विजयलावण्यसूरि ३४१; १०. मुग्धबोध संबद्ध परिभाषा ३४१, वृत्तिकार-रामचन्द्र विद्याभूषण ३४२; ११. पद्नाभदत्त ३४२, टीकाकार--३४३ । २७-फिदसूत्र का प्रवक्ता और व्याख्याता ३४५
फिटसूत्रों की आवश्यकता ३४५, नागेश का स्ववचो-विरोध ३४५, पाणिनीय मत ३४५, पाणिनीय व्याख्याकार ३४५, फिट्सूत्रों