________________
३९६
षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका गुणस्थन | मिथ्यात्व अविरति
कषाय
समस्त
२५
५७
भा.४
पुरुषवेद से हीन
भा.५
संज्वलनक्रोध से हीन
भा.६
संज्वलनमन से हीन
भा.७
संज्वलनमाया से हीन
सूक्ष्मसाम्प
राय
उपशान्त कषाय
क्षीणमोह सयोगकेवली
सत्य व अनुभय मन वचन, औ. द्विक, कार्मण
अयोगकेवली