________________
षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका
३९१
संख्या प्रकृति
स्वोदयबन्धी | सान्तरबन्धी | बन्ध किस | उदय किस पृष्ठ आदि । आदि गुणस्थान से गुणस्थान से
किस गुण- | किस गुणस्थान तक स्थान तक
१-४
स्व-परो
सा.निर.
२२-२५/ अप्रत्याख्यानावरण ४/ २६-२९ प्रत्याख्यानावरण ४] ३०-३२ संज्वलनक्रोधादि ३/
३३ | संज्वलनलोभ ३४-३५ हास्य, रति ३६-३७ अरति, शोक ३८-३९ भय, जुगुप्सा
| नपुंसकवेद | स्त्रीवेद पुरुषवेद नारकायु
स्व-परो. मनुष्यायु
तिर्यगायु
देवायु
१, २, ४
१-७ (३ को छोड़)
सा.
| सा.नि.
| नरकगति ४८ | तिर्यग्गति
स्व.परो. मनुष्यगति | देवगति
| परो. ५१-५४ एकेन्द्रियादि ४ जाति| स्व.परो. ५५ | पंचेन्द्रिय जाति ५६ औदारिकशरीर
सा.नि.