SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 356
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३३२ मार्गणास्थानों की अपेक्षा जीवों के अन्तर, भाव और अल्पबहुत्व का प्रमाण (प.५, प्रस्ता . पृ.४३ ई) मार्गणा मार्गणा के अवान्तर भेद | नाना जीवों की अपेक्षा एक जीव की अपेक्षा भाव जघन्य | उत्कृष्ट | जघन्य | उत्कृष्ट सासादनसम्यग्दृष्टि |एक समय पल्योपम का असं निरन्तर ओघवत् सम्यग्मिध्यारष्टि ख्यातवां भाग अल्पबहुत्व प्रमाण गुणस्थान बचनयोगी चारो उपशामक | ओघवत् | ओघवत् औपशमिक सर्वगुणास्थान ओघवत् चारों क्षपक ओघवत् । ओघवत् क्षायिक औदारिककाययोगी | मनो-. | मनोयोगिवत् | मनोयोगिवत् मनोयोगिवत् | ओघवत् योगिवत् मिथ्यारष्टि औदारिकमिश्रकाय. मिध्यादृष्टि ..सासादन. १., असंयतसम्य. .. सयोगिकेवली निरन्तर पंचेन्द्रियवत् (असंख्यातगुणित | अनन्तगुणित । सबसे कम संख्यातगुणित असंख्यातगुणित सयोगिकेवली असंयतसम्यम्दृष्टि सासादन सम्यग्दृष्टि निरन्तर | ओघवत् | ओघवत् एक समय । वर्षपृथक्त्व सायिक, क्षायोपशमिक क्षायिक - मिथ्यारष्टि अनन्तगुणित ४ योग मार्गणा मनोयोगिवत् | मनोयोगिवत् | मनोयोगिवत् ओघवत् चारों गुणस्थान देवगतिवत् (क्रियिककावयोगी | मनो चारों गुणस्थानवर्ती | योगिवत् काययोगी (क्रियिकमिश्रकाय, एक समय | । मिथ्यादृष्टि बारह मुहूर्त निरन्तर सासादनसम्यम्दृष्टि असंयतसम्यग्दृष्टि सबसे कम संख्यातगुणित (सासादनसम्बरहि |औदारिक- असंयतसम्यम्हति | मिश्रवत् औदारिकमिश्रवत् औदारिकमिश्रवत् | औदारिकमिश्रवत् मिध्यादृष्टि असंख्यातगुणित (आहारककाययोगी मिश्रकाययोगी (प्रमत्तसयत |एकसमय | वर्षपृथक्त्व निरन्तर क्षायोपशमिक गुणस्थानभेदाभाव अल्पबहुत्वाभाव
SR No.002281
Book TitleShatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2000
Total Pages640
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy