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________________ षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका (१) न न + (न / प ) म क द + द' (क / क) (४) (२) १ मानलो कि किसी एक संख्या म में द, द' ऐसे दो भाजकों का भाग दिया गया और उनसे क्रमश: क और क' ये दो लब्ध (या भिन्न) उत्पन्न हुए । निम्नलिखित सूत्र द + द' से भाग देने का परिणाम दिया गया है - म (३) ३ यदि (५) अथवा ५ यदि अ अ' और ब ब ब और म द अ' ब क १ + (क/ = ब = न + अ - क तो स क, और 1 १ = क + -- तो = क + न प + १ म' द ब स अ' क न - १ अ ब + स + क - = ब क', तो द (क- क) + म' म - = क = क ब स १ धवला, भाग ३, पृ. ४६. ४ भाग ३, पृ. ४६, गाथा २४. ५ भाग ३, पृ. ४६, गाथा २४. क न + १ क ३०० + १ " २ धवला, भाग ३, पृ. ४६ ३ धवला, भाग ३, पृ. ४७, गाथा २७.
SR No.002281
Book TitleShatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2000
Total Pages640
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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