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षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका
११ भव्य मार्गणा (पृ.४७३) भव्य
अभव्य सिद्ध सर्वजीव अनन्त
अनन्त अनन्त अनन्त
१२ सम्यक्त्व मार्गणा (पृ. ४७८) मिथ्या क्षायोप. क्षायिक. औपश. | मिश्र | सासा. | सिद्ध | सर्वजीव अनन्त | असंख्य | असंख्य | असंख्य |असंख्य | असंख्य २०८ ।
अनन्त |
| अनन्त
असंज्ञी
__१३ संज्ञा मार्गणा (पृ.४८३) संज्ञी अनुभय
। सर्वजीव असंख्य
अनन्त १६
अनन्त
अनन्त
१९९
३२
आहारक
१४ आहार मार्गणा (पृ. ४८५)
अनाहारक बंधक अबंधक
सर्वजीव
अनन्त
अनन्त
अनन्त
अनन्त
१६
८ यहां सिद्धों का प्रमाण १३ वें और १४ वें गुणस्थानों की राशियों से सातिरेक समझना चाहिये ।