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षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका
३ काय मार्गणा (पृ. ३४१) वनस्पति | वायु | जल | पृथिवी | तेज | त्रस अकाय सर्व जीव अनन्त असंख्य | असंख्य असंख्य | असंख्य असंख्य | अनन्त अनन्त
१७६
काय.
वचन.
४ योग मार्गणा (पृ. ४१२) अयोगी | सर्व जीव
अनन्त
मन.
अनन्त
असंख्य
असख्य
अनन्त
५ वेद मार्गणा (पृ. ४२१)
अवेद | सर्व जीव असंख्य अनन्त अनन्त
नपुंसक अनन्त
पुरुष
असंख्य
२००
१६
लोभ.
माया.
६ कषाय मार्गणा (पृ.४३१) क्रोध. . मान. अकषायी. | सर्वजीव अनन्त अनन्त अनन्त अनन्त
अनन्त
अनन्त
४८
१ यहां यह सिद्धों का प्रमाण अयोगिकेवलियों से सातिरेक समझना चाहिये। २ यहां सिद्धों का प्रमाण ९वें गुणस्थान के अवेद भाग से ऊपर के समस्त गुणस्थानों की राशियों से
सातिरेक है। ३ यहां सिद्धों का प्रमाण ११ वें और ऊपर के समस्त गुणस्थानों की राशियों से सातिरेक है।