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________________ षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका २०७ इस प्रकार मूडबिद्री की प्रति से प्रचलित प्रतियों के पाठ की पूर्णतया रक्षा हो जाती है, उसका वेदनाखंड के आदि में किये गये विवेचन से ठीक सामंजस्य बैठ जाता है. तथा उससे धवलाकार के णमोकारमंत्र के कर्तृत्वसंबन्धी उस मत की पूर्णतया पुष्टि हो जाती है जिसका परिचय हम विस्तार से गत द्वितीय भाग की प्रस्तावना में करा आये हैं। णमोकारमंत्र के कर्तृत्वसंबन्धी इस निष्कर्ष द्वारा कुछ लोगों के मत से प्रचलित एक मान्यता को बड़ी भारी ठेस लगती है। यह मान्यता यह है कि णमोकारमंत्र अनादिनिधन है, अतएव यह नहीं माना जा सकता कि उस मंत्र के आदिकर्ता पुष्पदन्ताचार्य हैं । तथापि धवलाकार के पूर्वोक्त मत के परिहार करने का कोई साधन व प्रमाण भी अब तक प्रस्तुत नहीं किया जा सका । गंभीर विचार करने से ज्ञात है कि णमोकारमंत्र संबन्धी उक्त अनादिनिधनत्व की मान्यता व उसके पुष्पदन्ताचार्य द्वारा कर्तृत्व की मान्यता में कोई विरोधी नहीं है । भाव की (अर्थ की) दृष्टि से जब से अरिहंतादि पंच परमेष्ठी की मान्यता है तभी से उनको नमस्कार करने की भावना भी मानी जा सकती है। किंतु णमो अरिहंताणं' आदि शब्द रचना के कर्ता पुष्पदन्ताचार्य माने जा सकते हैं । इस बात की पुष्टि के लिये मैं पाठकों का ध्यान श्रुतावतार संबन्धी कथानककी ओर आकर्षित करता हूँ । धवला, प्रथम भाग, पृ. ५५ पर कहा गया है कि - 'सुत्तमोइण्णं अत्थदो तित्थयरादो, गंथदो गणहरदेवादो त्ति' अर्थात् सूत्र अर्थप्ररूपणा की अपेक्षा तीर्थंकर से, और ग्रंथरचना की अपेक्षा गणधरदेव से अवतीर्ण हुआ है। यहां फिर प्रश्न उत्पन्न होता है - . द्रव्यभावाभ्यामकृत्रिमत्वत: सदा स्थितस्य श्रुतस्य कथमवतार इति ? अर्थात् द्रव्य-भाव से अकृत्रिम होने के कारण सर्वदा अवस्थित श्रुत का अवतार कैसे हो सकता है ? इसका समाधान किया जाता है - एतत्सर्वमभविष्यद्यदि द्रव्यार्थिक नयोऽविवक्षिप्यत् । पर्यायार्थिक नया पेक्षायामवतारस्तु पुनर्घटत एव । ' अर्थात् यह शंका तो तब बनती जब यहां द्रव्यार्थिक नय की विवक्षा होती । परंतु यहां पर पर्यायार्थिक नय की अपेक्षा होने से श्रुतका अवतार तो बन ही जाता है ।
SR No.002281
Book TitleShatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2000
Total Pages640
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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