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________________ १५७ षट्खंडागम की शास्त्रीय भूमिका गर्ग का नाम एक ज्योतिषसंहिता से सम्बद्ध है । कण्व ऋषि का नाम भी वैदिक साहित्य से सम्बंध रखता है । माध्यंदिन एक वैदिक शाखा का नाम है । बादरायण वेदान्तशास्त्र के और जैमिनि पूर्वमीमांसा के सुप्रसिद्ध संस्थापक हैं । किन्तु शेष अधिकांश नाम बहुत कुछ अपरिचित से हैं। इन नामों के साथ उन उन दृष्टियों का संबंध किन्हीं ग्रंथों पर से चला है या उनकी चलाई कोई अलिखित विचारपरम्पराओं पर से कहा गया है यह जानना कठिन है । पर तात्पर्य यह स्पष्ट है कि दृष्टिवाद में अनेक दार्शनिक मत-मतान्तरों का परिचय और विवेक कराया गया था । दृष्टिवाद के जो भेद आगे बतलाये गये हैं उनमें सूत्र और पूर्वो के भीतर ही इन वादों के परिशीलन की गुंजाइश दिखाई देती है। श्वेताम्बर मान्यता दिगम्बर मान्यता दिट्ठिवाद के ५ भेद दिट्टिवाद के ५ भेद १. परिकम्म १. परिकम्म २. सुत्त ३. पुव्वगय ३. पढमाणिओग ४. अणुओग ४. पुव्वगय ५ चूलिया ५. चूलिया दोनों संप्रदायों में दृष्टिवाद के इन पांच भेदों के नामों में कोई भेद नहीं है, केवल अणियोग की जगह दिगम्बर नाम पढमाणियोग पाया जाता है । इसका रहस्य आगे बताये हुए प्रभेदों से जाना जायगा। दूसरा कुछ अन्तर पुव्वगय और अणियोग के क्रम में है। श्वेताम्बर पुव्वगय को पहले और अणियोग को उसके पश्चात् गिनाते हैं ; जबकि दिगम्बर पढमाणियोग २. सुत्त श्वेताम्बर मान्यता - १ अथ कोऽयं दृष्टिवाद: ? दृष्टयो दर्शनानि, वदनं वाद: । दृष्टीनां वादो दृष्टिवादः । अथवा पतनं पात:, दृष्टीनां पातो यत्र स दृष्टिपात: । (नंदीसूत्र टीका) २ तत्र परिकर्म नाम योग्यतापादनम् । तद्धेतुः शास्त्र-मपि परिकर्म । तथा चोक्तं चूणी-परिकम्मे त्ति योग्यताकरणं । जह गणिस्स सोलस परिकम्मा तग्गहिय-सुत्तत्थो सेस गणियस्स जोग्गो भवइ, एवं गहियपरिकम्मसुत्तत्थो सेस-सुत्ताइ-दिट्टिवायस्स जोग्गो भवइ त्ति । (नंदीसूत्र टीका) दिगम्बर मान्यता १ दृष्टीनां त्रिषष्टयुत्तरत्रिशतसंख्यानां मिथ्यादर्शनानां वादोऽनुवाद:, तन्निराकरणं च यस्मिन्क्रियते तद दृष्टिवादं नाम । (गोम्मटसार टीका) २ परित: सर्वत: कर्माणि गणितकरणसूत्राणि यस्मिन् तत् परिकर्म । (गोम्मटसार टीका)
SR No.002281
Book TitleShatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2000
Total Pages640
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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