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________________ सत्प्ररूपणा का विषय (पु.१ अ) प्रस्तुत ग्रंथ में ही जीवट्ठाण की उत्थानिका में कहा गया है कि धरसेन गुरु र सिद्धान्त सीखकर पुष्पदन्ताचार्य वनवास देश को गये और वहां उन्होंने 'विशति' सूत्रों के रचना करके और उन्हें जिनपालित को पढ़ाकर भूतबलि आचार्य, जो द्रमिल देश को चले गये थे, के पास भेजा। भूतबलि ने उन सूत्रों को देखा और तत्पश्चात् द्रव्यप्रमाण से प्रारम्भ करके शेष समस्त षट्खंडागम की सूत्र-रचना की। इससे स्पष्ट है कि सत्प्ररूपणा के कुल सूत्र पुष्पदन्ताचार्य के बनाये हुए हैं। किन्तु उन सूत्रों की संख्या विंशति अर्थात् वीस नहीं परन्तु एक सौ सतत्तर है, तब प्रश्न उपस्थित होता है कि पुष्पदन्त के बनाये हुए बीस सूत्र कहने से धवलाकार का तात्पर्य क्या है ? धवलाकार ने सत्प्ररूपणा के सूत्रों का विवरण समाप्त होने के अन्तर जो ओघालाप प्रकरण लिखा है वह बीस प्ररूपणाओं को ध्यान में रखकर ही लिखा गया है । और इस सिद्धान्त का जो सार नेमिचंद्र सि.च. ने गोम्मटसार जीवकाण्ड में संगृहीत किया है वह भी उन बीस प्ररूपणाओं के अनुसार ही है । वे बीस प्ररूपणाएं गोम्मटसार के शब्दों में इस प्रकार है - गुणेजीवा पज्जती ' पाणा 'सण्णा य मग्गणाओ य । उबओगो' वि य कमसो बीसं तु परूवणा भणिया ॥२॥ अर्थात् गुणस्थान, जीवसमास, पर्याप्ति, प्राणा, संज्ञा, चौदह मार्गणाएं और उपयोग ये बीस प्ररूपणाएं हैं। अतएव विंशति सूत्र से इन्हीं बीस प्ररूपणाओं का तात्पर्य ज्ञात होता है । इन बीसों प्ररूपणाओं का विषय यहां चौदह गुणास्थानों और चौदह मार्गणाओं के भीतर आ जाता है। राग, द्वेष व मिथ्यात्व भावों को मोह कहते हैं, और मन, वचन व कार्य के निमित्त से आत्मा के प्रदेशों के चंचल होने को योग कहते हैं, और इन्हीं मोह और योग के निमित्त से दर्शन ज्ञान और चरित्र रूप आत्म गुणों की क्रम विकास रूप अवस्थाओं को गुणस्थान कहते हैं। ऐसे गुणस्थान चौदह हैं- १. मिथ्यात्व, २. सासादन, ३. मिश्र, ४. अविरतसम्यग्दृष्टि ५. देशविरत, ६. प्रमत्तविरत, ७. अप्रमत्तविरत, ८. अपूर्वकरण, ९. अनिवृत्तिकरण, १०. सूक्ष्मसाम्पराय, ११. उपशान्तमोह, १२. क्षीणमोह, १३. सयोगकेवली और १४. अयोगकेवली।
SR No.002281
Book TitleShatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2000
Total Pages640
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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