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गुरुदिणयस गुरु हिमकरणु गुरु दीवउ गुरु देउ । अप्पा परहं परंपरहं जो दरिसावइ भेउ ।
षद.१ जीवाण
•सत्प्ररूपणा
• द्रव्यप्रमाणानुगम प्ररूपणा। • क्षेत्र, स्पर्श और कालानुगम प्ररूपणा • अंतिम तीन प्ररूपणाएँ • जीवट्ठाण की चूलिका
षट्खंडागम पु.क्र. १, २, ३, ४, ५, ६, की प्रस्तावना (पृष्ठ ७४ से पृष्ठ ८८ तक)