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________________ ३०७ तिर्यककाण्ड: ४] 'मणिप्रभा'व्याख्योपेतः -वृपाक्रान्ता तु सन्धिनी। २प्रौढवत्सा बष्कयिणी ३धेनुस्तु नक्सूतिका ॥ ३३३ ।। ४परेष्टुर्बहुसूतिः स्याद् प्रगृष्टिः सकृत्प्रसूतिका । प्रजने काल्योपसर्या च सुखदोह्या तु सुव्रता ॥ ३३४ ॥ पदुःखदोह्या तु करटा बहुदुग्धा तु वञ्जला। १-द्रोणदुग्धा द्रोणदुघा ११पीनोध्नी पीवरस्तनी ॥ ३३५ ॥ १२पीतदुग्धा तु धेनुष्या संस्थिता दुग्धबन्धके । १३नैचिकी तूत्तमा गोषु १४पलिक्नी बालगर्भिणी ।। ३३६ ॥ १५समांसमीना तु सा या प्रतिवर्ष विजायते । १६स्यादचण्डी तु सुकरा १. 'सांढ़से आक्रान्त ( संभोग की हुई ), या-दुहनेके समयपर भी दूध नहीं देनेवाली गाय'का १नाम है-सन्धिनी ॥ २. 'बकेना गाय'का एक नाम है-'वष्कयणी ।।। ३. 'थोड़े दिनोंकी व्यायी हुई गाय का नाम है-धेनुः ।। ४. 'अनेक बार व्यायी हुई गाय'का १ नाम है-परेष्टुः ।। ५. 'एक बार न्यायी हुई गायका १ नाम है-गृष्टिः ।। ६. 'रंभाई ( उठो) हुई अर्थात् गर्भग्रहणार्थ बैल के साथ संभोगकी इच्छा करनेवाली गाय'के २ नाम है-काल्या, उपसर्या.॥ ७. 'सरलतासे. दूध देनेवाली सूधी गायका १ नाम है-सुव्रता ।। ८. 'कररही (बड़ी कठिनाईसे दूही जानेवाली ) गाय'का १ नाम हैकरटा॥ ६. 'दूधारूं (बहुत दूध देनेवाली ) गाय'का १ नाम है-वजुला ॥ १०. 'एक द्रोण (श्राधा मन ) दूध देनेवाली गाय के २ नाम हैं-द्रोणदुग्धा, द्रोणदुघा ॥ ११. 'मोटे मोटे स्तनोंवाली गाय के २ नाम हैं-पीनोध्नी, पीवरस्तनी ।। १२. ( ऋण चुकाने तक उत्तमर्णके यहां दूध दुहने के लिए ) 'बन्धक -रखी हुई गाय'के २ नाम है-पीतदुग्धा, धेनुष्या । १३. 'गायों में उत्तम गाय'का १ नाम है-नैचिकी। १४. 'बचपन में ही गर्भ-धारणकी हुई गायका १ नाम है-पालक्नी (+मलिनी)॥ १५. 'धनपुरही (प्रत्येक वर्षमें व्यानेवाली ) गाय'का १ नाम हैसमांसमीना॥ १६. 'सूधी गायका १ नाम है--सुकरा ।।
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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