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अभिधानचिन्तामणिः १स्थौरी पृष्ठ्यः पृष्ठवाह्यो २द्विदन् पोडन् द्विषड्दौ ॥ ३२६ ॥ ३वहः स्कन्धोंठशकूटन्तु ककुदं पूनचिकं शिरः। ६विषाणं कूणिका शृङ्ग ७सास्ना तुगलकम्बलः ।। ३३० ॥
गौः सौरभेयी माहेयी माहा सुरभिरजुनी। उस्त्राऽन्या रोहिणी शृङ्गिण्यनड्वाएनडुह्यषा ॥ ३३१॥ . तम्पा निलिम्पिका तम्बा सा तु वणैरनेकधा ।। १०प्रष्ठौही गर्भिणी ११वन्ध्या वशा १२वेहद्वषोपगा॥ ३३२॥ १३अवतोका स्त्रवद्गर्भा
मा
. .. . १. 'पीठसे बोझ ढोनेवाले ( बोरा आदि लादे जानेवाले ) बैल'के ३ नाम हैं-स्थौरी (-रिन् ।+ स्थूरी, -रिन् ), पृष्ठ्यः, पृष्ठवायः॥ ।
२. 'दो और छः दाँतवाले बैल श्रादि (बालक घोड़ा आदि भी)का क्रमशः १-१ नाम है-द्विदन् (-दत् ), षोडन् (-डत्)॥ . .
३. 'बैलके कन्धे'के २ नाम है-वहः, स्कन्धः ॥
४. 'ककुद, मउर (बेलकी पीठपरका डील कन्धेपर उठा हुआ मांस-पिण्ड विशेष ) के २ नाम है-अंशकूटम्, ककुदम् ( पुन ।+ककुद् )॥
५. 'बैलके शिर'का १ नाम है-नैचिकम् (+नांचकी)॥
६. बल ( श्रादि )के सींग'के ३ नाम हैं-विषाणम् (त्रि), कूणिका, शृङ्गम् (पु न
७. 'लोर (बैल या गायकी गर्दनके नीचे कम्बल जैसा लटकता हुआ मांस-विशेष )के २ नाम हैं-सास्ना, गलकम्बलः ॥
८. 'गाय'के १६ नाम हैं-गौः (-गो, पु स्त्री), सौरभेयी, माहेयी, माहा, सुरभिः, अर्जुनी, उस्रा, अघ्न्या, रोहिणी, शृगिणी, अनडवाही, अनडुही, उषा, तम्पा, निलिम्पिका, तम्बा ॥
६ रंगभेदसे वह गाय अनेक प्रकारकी होती है (यथा-'शवला, धवला, कृष्णा, कपिला, पाटला,"....' अर्थात् चितकबरी, धौरी, काली, कैल, और गोली ( लाल ),......)
१०. गर्भिणी या-प्रथमवार गर्भिणी'के २ नाम हैं-प्रष्ठौही, गर्मिणी ।।
.११. 'बांझ ( वच्चा नहीं देनेवाली ) गाय आदि'के २ नाम हैं-वन्ध्या, वशा॥ - १२. 'साड़के साथ संभोगको हुई या-गर्भ-सावकी हुई गाय'के २ नाम है-वेहत् , वृषोपगा॥
१३. गर्भपातकी हुई, या-मरे हुए बच्चे वाली गाय' का १ नाम हैअवतोका ॥