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________________ तिर्यककाण्ड: ४] 'मणिप्रभा'व्याख्योपेतः ३०१ १पञ्चभद्रस्तु हृत्पृष्ठमुखपाश्र्वेषु पुष्पितः ॥ ३०२ ।। २पुच्छोरःखुरकेशास्यैः सितः स्यादष्टमङ्गलः । ३सिते तु कर्ककोकाही ४खोङ्गाहः श्वेतपिङ्गले ॥ ३०३ ।। ५पीयूषवणे सेराहः पीते तु हरियो हये। ७कृष्णवर्णे तु खुङ्गाहः ८क्रियाहो लोहितो हयः ॥ ३०४ ।। हानीलस्तु नीलको१०ऽथ त्रियूहः कपिलो हयः।। ११वोल्लाहस्त्वयमेव स्यात्पाण्डुकेसरवालधिः ॥ ३०५ ।। १२उराहस्तु मनाक्पाण्डुः कृष्णजको भवेद्यदि। १३सुरूहको गर्दभाभो १४वोरुखानस्तु पाटलः ॥ ३०६ ।। १५कुलाहस्तु मनाकपीतः कृष्णः स्याद्यदि जानुनि । १९उकनाहः प्रीतरक्तच्छायः स एव तु कचित् ।। ३०७ ॥ कृष्णरक्तच्छविः प्रोक्तः- . १. 'हृदय (छाती ), पीठ, ‘मुख तथा दोनों पार्श्व भागों में श्वेत चिह्न वाले घोड़े'का १ नाम है-पञ्चभद्रः ।।. २. 'पूछ, छाती, चारो खुर, केश तथा मुखमें श्वेत वणवाले घोड़े'का १ नाम है-अष्टमङ्गलः । । ३. 'श्वेत घोडेके २ नाम हैं-कर्कः, कोकाहः ।। ४. 'श्वेत 'पिङ्गल वर्णवाले घोड़े'का १ नाम है-खोङगाहः ॥ ५. 'अमृत या दूधके समान रंगकाले घोड़े'का १ नाम है-सेराहः॥ ६. पीले घोड़े'का १ नाम है-हरियः ॥ ७. 'काले घोड़े'का १ नाम है-खुङ्गाहः ॥ ८. 'लाल घोड़े'का १ नाम है-क्रियाहः ।। ६. 'अत्यन्त नीले घोड़े'का १ नाम है-नीलकः ।। १०. 'कपिल वर्णवाले घोड़े'का १ नाम है-त्रियूहः ॥ ११. 'यदि 'त्रियूह' (कपिल वर्णवाले घोड़े ) को केसर (आयल ) और पूँछ पाण्डुवर्णके हो तो उस घोड़े'का १ नाम है-वोल्लाहः ॥ १२. 'थोड़ा पाण्डुवर्ण तथा काली जङ्घोबाले घोड़े'का १ नाम हैउराहः॥ १३. 'गधेके रंगवाले घोड़े'का १ नाम है-सुरूहकः ॥ १४. 'पाटल वर्णवाले घोड़ेका १ नाम है-वोरुखानः ।। १५. 'कुछ पीले वर्णवाले तथा काली घुटनेवाले घोड़े'का १ नाम हैकुलाहः॥ १६. 'पीले तथा लाल वर्णवाले अथवा काले तथा लाल बर्णवाले घोड़े'का १ नाम है-उकनाहः ।।
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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