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अभिधानचिन्तामणिः
१ उत्तरौ कर्णपूरेऽपि २पत्रलेखा तु पत्रतः ॥ ३१८ ॥ भङ्गिवल्लिलताङ्गुऽल्यः ३पत्रपाश्या ललाटिका । ४ बालपाश्या पारितथ्या ५कर्णिका कर्णभूषणम् ॥ ३१६ ॥ ६ ताटङ्कस्तु ताडपत्रं कुण्डलं कर्णवेष्टकः । ७उत्क्षिप्तिका तु कर्णान्दुर्बालिका कर्णपृष्ठगा ॥ ३२० ॥ हयैवेयकं कण्ठभूषा १० लम्बमाना ललन्तिका । ११प्रालम्बिका कृता हेम्नो १२२ : सूत्रिका तु मौक्तिकैः ।। ३२१ ।।
१. 'कर्णपूर ( कानपर लटकती हुई माला ) ' के २ नाम है- उत्तंसः, अवतंसः ( २ पु न ) ॥
२. 'स्त्रियोंके कपोल तथा स्तनोंपर कस्तूरी कुकुम - चन्दनादिसे रचित पत्राकार रचना - विशेष' के ५ नाम हैं- पत्रलेखा, पत्रभङ्गिः, पत्रवल्लि, पत्रलता, पत्राङ्गुली ( + पत्रवल्लरी, पत्रमञ्जरी, •) 11 ललाट भूषण के २नाम है - पत्र
३. 'स्वर्णपत्रादि से निर्मित स्त्रियोंका पाश्या, ललाटिका ॥
४. 'स्त्रियोंके बाल बाँधने के लिये मोतियोंकी लड़ी, या पुष्पमाला या. प्रफुल्ल लतादि' के २ नाम हैं- बालपाश्यां, पारितथ्या ( + पायतिथ्या ) ॥
५. 'कर्णभूषण' के २ नाम हैं—कर्णिका, कर्णभूषणम् ॥
६. 'कुण्डल' के ४ नाम हैं- ताटङ्कः, ताडपत्रम्, कुण्डलम् ( पु न ), कर्णवेष्टकः।।
विमर्श – “ताटङ्कः, ताडपत्रम्' ये २ नाम 'तरकी या कनफूल और 'कुण्डलम्, कर्णवेष्टक:' – ये २ नाम 'कुण्डल' के हैं" यह भी किसी-किसीका मत है ॥
शेषश्चात्र – अथ कुण्डले । कर्णादर्शः
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७. 'कनकी सिकड़ी ( सोने आदि की बनी हुई जंजीर ) के २ नाम हैं - उत्क्षिप्तिका, कर्णान्दुः (स्त्री | + कर्णान्दू: ) ॥
८. 'बाली ( कान के पीछे तक भी पहने जानेवाला गोलाकार भूषण विशेष ) का १ नाम है - बालिका ॥
६. ‘कण्ठके भूषण ( कंठा, हंसुली, टीक आदि ) के २ नाम है -प्रवेयकम्, कण्ठभूषा ॥
१०. 'गर्दन से नीचे लटकनेवाले भूषण ( हलका, चन्द्रहार आदि ) का १ नाम है - ललन्तिका ॥
११. ‘सोनेके बने हुए कण्ठभूषण' का १ नाम है - प्रालम्बिका ।।
१२. 'मोतीके बने हुए कण्ठभूषण'का १ नाम है- उरः सूत्रिका ।।