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________________ ___ १०७ १०७. मयंकाण्ड: ३] 'मणिप्रभा'व्याख्योपेतः -श्लवणे स्यात्त लावणम । २पैठरोख्ये उखासिद्धे ३प्रयस्तन्तु सुसंस्कृतम् ॥ ७५ ॥ ४पक्क राद्धश्च सिद्धश्च ५भृष्टं पक्क विना६ऽम्बुना। अभृष्टामिषं “भटित्रं स्याद्भतिभरूटकञ्च तत् ॥ ७६ ॥ शूल्यं शूलाकृतं मांसं निष्क्वाथो रसकः समौ। . १०प्रणीतमुपसम्पन्नं ११स्निग्धे मसृणचिक्कणे ॥ ७७ ॥ पिच्छिलन्तु विजिविलं विज्जलं विजिलञ्च तत् । १२भावितन्तु वासितं स्यात् १३तुल्ये संम्मृष्टशोधिते ॥ ७८ ॥ १४काश्चिकं काञ्जिकं धान्याम्लारनाले तुषोदकम् । १. 'नमकमें तैयार किये हुए पदार्थ'का ५ नाम है-लावणम् ।। २. 'बटलोही' में पकाये हुए (भात-दाल अादि ) पदार्थ के २ नाम है-पैठरम् , उख्यम् ॥ ३. 'अच्छी तरह सिद्ध किये ( पकाये ) गये भोज्य पदार्थ'के २ नाम है-प्रयस्तम्, सुसंस्कृतम् ।। ५. 'पके हुए पदार्थ'के ३ नाम हैं-पक्कम्, राद्धम्, सिद्धम् ।। ५. 'भुने हुए ( विना पानीके पकाये गये भुजना, होरहा आदि) पदार्थ'का १ नाम है-भृष्टम् ॥ .. ६. 'अङ्गारोंपर भूने गये मांस'के ३ नाम हैं-भटित्रम्, भूतिः, भरूटकम् ॥ ___७. 'लोहेके छड़पर पकाये गये मांस'के २ नाम हैं-शूल्यम्, शूलाकृतम् ॥ ८. 'मांसके झोल ( रस ) के २ नाम है-निष्काथः, रसकः । ( यह पीसे हुए मांसके तुल्य होता है )॥ ६. 'पकाने आदिसे तैयार किये गये पदार्थ'के २ नाम हैं—प्रणीतम्, उपसम्पन्नम् ॥ १०. 'चिकने पदार्थ'के ३ नाम है--स्निग्धः, मसृणम्, चिक्कणम् ॥ ११. 'पिच्छिल (पीने योग्य कुछ गाढ़ा तथा पतला ) पदार्थ'के ४. नाम हैं-पिच्छिलम्, विजिविलम् (+ विजिपिकम् ) विज्जलम्, विजिलम् ।। १२. 'दूसरे पदार्थ से मिश्रित पदार्थ, या-पुष्प-धूपादिसे सुगन्धित किये गये पदार्थ'के २ नाम है-भावितम्, वासितम् ॥ १३. 'चुन, फटककर साफ किये गये पदार्थ'के २ नाम है--संमृष्टम्। शोधितम् ॥ ___१४. कांजी' के १७ नाम हैं-काश्चिकम्, कालिकम्, धान्याम्लम्,
SR No.002275
Book TitleAbhidhan Chintamani
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1966
Total Pages566
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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