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- तीर्थंकर पार्श्वनाथ
५७७+७२=५९९ वर्ष ई.पू. में महावीर का जन्म सिद्ध होता है। भगवान् महावीर के जन्म के २५० वर्ष पूर्व अर्थात् ५९९+२५०=८४९ वर्ष ई.पू. श्री पार्श्वनाथ का निर्वाण समय है।१८ भगवान् पार्श्वनाथ ने १०० वर्ष की आयु प्राप्त की थी। इनका कुमार काल ३० वर्ष का था। वास्तव में वर्तमान २४ तीर्थंकरों के पंचकल्याणकों, माता-पिता, वंश, वर्ण, शरीर, काल, विहार आदि से सम्बन्धित विविध आगम ग्रन्थों में प्राप्त उल्लेखों को मनीषी जिनेन्द्र वर्णी जी ने जैनेन्द्र कोश में एक स्थान पर गुम्फित करके किसी भी तीर्थंकर की ऐतिहासिक खोज को बहुत आसान बना दिया है। मैं उस चार्ट की छाया प्रति इस लेख के साथ नत्थी कर रहा हूँ।१९ विद्वज्जन उसे अन्यथा नहीं लेंगे। मैंने यह देखा कि तीर्थंकर पार्श्वनाथ के सम्बन्ध में जिन-जिन प्रामाणिक ग्रन्थों में महत्त्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है उन सभी का क्रमश: एक स्थान पर संयोजन कर दिया गया है। उस से शोधार्थियों का काम बहुत आसान हो गया है। एक अन्य स्रोत से प्राप्त विवरण भी प्रस्तुत है।
श्री पार्श्वनाथ तीर्थंकर के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण जानकारी १. गर्भ कल्याणक
नाम : श्री पार्श्वनाथ,पूर्व जन्म : अनन्त स्वर्ग (प्राणत स्वर्ग) . पिता का नाम : श्री अश्वसेन (विश्वसेन) महाराज, वंश - उग्र (उरग या इक्ष्वाकु) वंश, गोत्र : काश्यप, माता का नाम : महारानी वामा देवी (ब्राह्मी), जन्म नगरी : काशी (वाराणसी), देश : भारत खण्ड, काशी देश, गर्भ तिथि : वैशाख कृष्ण २, गर्भ नक्षत्र : विशाखा, गर्भ समय : पिछले पहर रात्रि।
२. जन्म - कल्याणक
जन्म तिथि : पौष कृष्ण ११, जन्म समय : अनिला योग, जन्म नक्षत्र: विशाखा, जन्म राशि : कुम्भ, जन्म : ईसा से ८७७ वर्ष पूर्व, रंग:इन्द्र नील प्रभा पञ्च (हरित वर्ण) छोटे धान के पौधे के समान, चिन्ह (लांछन)