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________________ प्रथमानुयोग में तीर्थंकर पार्श्वनाथ ९. प्रथमानुयोग - ५००० मध्यम पद ( अर्धमागधी) - अप्राप्य २. श्री वादिराज सूरी प्रणीत (८६९ ई.) पार्श्वनाथ चरित् ३. श्री सकलकीर्ति आचार्यकृत (संवत् १४९५ ) पार्श्वनाथ पुराण ४. भट्टारक चन्द्रकीर्ति ग्रंथित पार्श्वनाथ पुराण (सं. १६५४) ५. श्री जिनसेनाचार्य कृत पार्श्वाभ्युदय काव्य (सन् ६५८-६७२) ६. श्री गुणभद्राचार्य कृत उत्तरपुराण में ७३वां पर्व (सन् ७४२ ) ७. वादिचंद्र प्रणीत पार्श्व पुराण (सं. १६८३) २१३ ८. पुष्पदंत कवि द्वारा प्रणीत उत्तरपुराण (प्राकृत - अपभ्रंश ) (९६५ ईस्वी) ९. पद्मकीर्ति, विरचित पार्श्वपुराण (समय अज्ञात प्रति १४७३ सं. कारंजा) १०. कविवर भूधरदास कृत छंदोबद्ध हिन्दी में पार्श्वनाथ पुराण (सं. १७८९) ११. अज्ञातकवि द्वारा पार्श्व जीवन कवित्त (अपूर्ण) .: १२. कवि खुशालचन्द कृत हिन्दी छन्दोबद्ध पार्श्वनाथ पुराण (सं. १७९९ ) १३. भगवान् पार्श्वनाथ (हिन्दी) मास्टर छोटे लाल द्वारा अनुवादित १४. जिनसेनाचार्य के मूल ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद, हरिवंश पुराण में पार्श्वचरित १५. पार्श्व पंडित द्वारा ग्रंथित पार्श्वनाथ पुराण (१२०५ ई.) कन्नड़ १६. कविं वादिराज का संस्कृत पार्श्व निर्वाणकाव्य ( चारुकीर्ति कृत टीका सहित) १७. धर्मघोष कृत चिंतामणि पार्श्वनाथ कल्प १८. बंगला में हरिसत्य भट्टाचार्य द्वारा प्रकाशित पार्श्वनाथ भगवान् · १९. तात्या नेमिनाथ पांगल कृत मराठी में तीर्थंकर चरित्रे २०. ब्र. नेमिदत्त विरचित नागेन्द्र कथा पुण्याश्रव कथा कोष -
SR No.002274
Book TitleTirthankar Parshwanath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Jain, Jaykumar Jain, Sureshchandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharti
Publication Year1999
Total Pages418
LanguageSanskrit, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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