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तीर्थंकर पार्श्वनाथ
राजधानी थी। ऐसा प्रतीत होता है कि पद्मावती पुरवाल जाति भी उत्तरवर्ती नाग वंशों से संबंधित रही है ।
संदर्भ
‘भारतीय इतिहास : एक दृष्टि' डॉ. ज्योति प्रसाद जैन, पृष्ठ ४५
२. 'तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा' (भाग १) डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री,
३.
४. वही, पृष्ठ २७
५.
६.
पृष्ठ १९
'भारतीय इतिहास : एक दृष्टि' डा. ज्योति प्रसाद जैन, पृष्ठ २६..
डॉ. अनिल कुमार जैन, कादम्बिनी, सितम्बर १९८७
हिन्दी विश्व कोश (भाग ११) नगेन्द्र नाथ बसु, पृष्ठ ५५८-५५९.
'प्राचीन अफ्रीका : नागों और राक्षसों का उपनिवेष' डा. कुवरलाल व्यास शिष्ट, कादम्बिनी, जुलाई १९८७, पृष्ठ ५५-५८.
'तीर्थंकर पार्श्वनाथ'. डा हेनरिक जिम्मर, अहिंसा वाणी, सित. - अक्टू. १९५३, पृष्ठ ४-१४.
९.
'भारतीय इतिहास : एक दृष्टि' डा. ज्योति प्रसाद जैन, पृष्ठ ३७
१०. वही, पृष्ठ ३९.
७.
८.