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तीर्थकर पार्श्वनाथ
२. पाण्णासाधिय छस्सयचुलसी दिसहस्स वस्सपरिवत्ते।
णेमि जिणुप्पत्तीदो, उप्पत्ती पासणाहस्स ।। तिलोयपण्णती गाथा ५८३. ३. डॉ. हर्मन जैकोबी, परिशिष्ट पर्व पृ. ९.. ४. डॉ. हर्मन जैकोबी, परिशिष्ट पर्व पृ. ६. 4. Cambridge History of India, Part I. page 180६. Bilongs of the Boudha, Part II, Page 22७. वातरशना. ८. तत्वार्थवार्तिक. ९. वृहदारव्यकोपनिषद ४/३/२२. १०. पार्श्वनाथ का चातुर्याम धर्म, पृ. १४. ११. समवायांग, कल्प सूत्र आदि १२. भारतीय इतिहास : एक दृष्टि. ... १३. डॉ. नीलम जैन : सराक क्षेत्र, पृ. २५. १४. प्रो. सरसी कुमार सरस्वती : जैन कला एवं स्थापत्य, खंड २, पृष्ट २७७. १५. डॉ. नीलम जैन : सराक क्षेत्र, पृ. २६. . १६. डॉ. जय कुमार जैन : पार्श्वनाथ चरित का समीक्षात्मक अध्ययन, पृ. ४८. १७. भारतीय संस्कृति और साहित्य में जैन धर्म का योगदान, स्मारिका, पृ. २६.