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क्र० विषय सं०"
१०१४ मोती से युक्त चन्दरवा का
वर्णन
( xlix )
श्लोक
सं०
६३०
क्र०
सं०
एक अवतारी या अनेक अवतारी ?
विषय
६२३ १२२२ पाँच विमानों के देवों का
अल्प- बहुत्व ·
१०१५ मोती की मधुर ध्वनि से काल ६२७ १०२३ उपपात च्यवन - विरह काल - ६४५ निर्गमन १०२४ अवधि ज्ञान - आकार - अवधि ६४७ ज्ञान की समय मर्यादा
१०१६ विजयादि चार विमानों के देवों का देहमान
१०२५ सिद्धशिला का वर्णन (स्थान) ६५१ १.०२६ लम्बाई-चौड़ाई - परिधि ६३३ | १०२७ मध्य भाग की ऊँचाई
१०१७ स्वार्थ सिद्ध के देवों का देहमान ६३२ १०१८ पाँचों विमानों के देवों का आहार-श्वांसोच्छवास
५४२
६५४
६५७
१०१६ अनुत्तर विमान में यहाँ कौन
६६०
६६३
जीव उत्पन्न होय १०२० गति अगति
.६६५
१०२१ विजय आदि में गया जीव
६७०
-१०२८ चार नाम
६३६ | १०२६ लोकान्त की दूरी १०३० सिद्ध कौन हैं
६३६ १०३१ अलोक के विषय में ६४११०३२ सर्गसमाप्ति
श्लोक
सं०
६४४