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क्र० विषय
सं०
( xxxvi )
श्लोक
सं०
५१३ बावड़ियों की शोभा
५१४ क्रीड़ा मंड़पों के आसनों के नाम १६१
१६३
२००
२०४ ५४०
५२०
सुधर्मा सभा का वर्णन
क्र०
सं०
१८६ ५३७
•
५३८
५३६
५१५ मंड़प गृहों के विषय में
५१६ विमानों की पीठिका का वर्णन
५१७ प्रासादों की पाँच श्रेणियों का प्रमाण तथा सर्व संख्या
८१८ प्रासादों की एक दिशा की सर्व २११ ५४१ सामानिक देवों को कर्तव्यों संख्या की सूचना इन्द्र द्वारा ५१६ प्रासादों की श्रेणि के विषय में २१२ ५४२ उपपात मन्दिर से अभिषेक सभा में आने की रीति
२४६
विषय
५४६
श्लोक
सं०
५५०
२५४ ५५१
२५७ ५५२
२५६
२६५ ५५३
नंदा बावड़ी के विषय में
उपपात शय्या के
देवों की उत्पत्ति समय की
स्थिति
उत्पन्न हुए इन्द्र को कर्तव्य का विचार
मतान्तर
अन्य देव लोक के प्रासादों का २१७ ५४.३ सामानिक देवों को अभियोगिक ३०४ वर्णन
५४४
५२१ स्थान- द्वार के विषय में
२२४
५२२ मुख मंड़प- प्रेक्षा गृह का वर्णन २२६ ५४५ ५२३ चैत्य स्तूप का वर्णन
२२८
५४६
५२४ चैत्य वृक्ष - महेन्द्र ध्वज का वर्णन २३१
५२५ मनोगुठिका पीठिकाओं का वर्णन२३४५४७
५२६ माणवक स्थंभ का वर्णन
२३८५४८
२४३
५२७ जिनेश्वरों की अस्थियों के विषय में
५२८ सिंहासन - शय्या - शस्त्रागार आदि का स्थान- मान ५२६ जिनालय के विषय में ५३० देव छन्दक के विषय में ५३१ सिद्धायतन में क्या-क्या है ? ५३२ उपपात सभा का वर्णन ५३३ अभिषेक सभा का वर्णन ५३४ अलंकार सभा का वर्णन ५३५ व्यवसाय सभा का वर्णन ५३६ पुस्तक - खड़िया का वर्णन
२८१
२८४
२८७
२६४
वस्तु लाते हैं?
नये इन्द्र का अभिषेक
स्वामी की उत्पत्ति से देवों
की चेष्टा
स्वामी देव की स्तुति
अलंकार सभा में प्रवेश किस
२६६
३००
देवों की आज्ञा
अभियोगिक देव कहाँ से क्या ३०७
३१६
३१८
३२६
३३०
तरह
देव दूष्य वं अलंकार धारण के ३३३ विषय में
व्यवसाय सभा समक्ष वाचना ३३७
सिद्धायतन में गमन की तैयारी ३३६ समृद्धि पूर्वक सिद्धायतन में ३४३
प्रवेश
परमात्मा पूजन में प्रमार्जना का ३४६
२६८
महत्तव
परमात्मा पूजा की विधि
२७१ ५५४ २७३ ५५५ अष्ट मंगल आदि आलेखन २७५ ५५६
जगत पति की स्तुति
३४८
३५१
३५६