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सादर-समर्पण ज्य दादा गुरुदेव चरण-कमलों में
• आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरी जी
जिनका जीवन सूर्य समान तेजस्वी था, मन चन्द्र समान सौम्य था, आचार स्वर्ण समान निर्मल था, विचार सागर समान गंभीर था, वाणी
आध्यात्म युक्त थी, संयम साधना में वज्र समान कठोर जन-जन के प्राण, पंजाब केसरी, युगवीर, युगदृष्टा, विश्व वंदनीय, सूरी सम्राट, पंजाब देशोद्धारक आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय वल्लभ सूरी० जी म०, सा० के चरण-कमलों में सादर समर्पित
चरण रेणु आ० श्रीमद् विजय पदम चन्द्र सूरी