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________________ परिशिष्ट पृष्ठ संख्या ९३ ९७ . ९८ १०६ १०० मिथ्यात्व ११५ ५२ १३८ मोक्ष वसुनन्दि-श्रावकाचार ३४० शब्द पृष्ठ संख्या | शब्द परिणामी द्रव्य ४८ | मघुदोष कारणभूत द्रव्य ___४८ / मांस दोष सर्वगत द्रव्य ४९ | शाकाहार अप्रवेशी स्वभाव | वेश्यागमन दोष आश्रव ५१,५३ शिकार दोष चौर्य दोष अविरति परस्त्रीगमनदोष योग युधिष्ठिर कषाय यादव शुभोपयोग बक राक्षस चारुदत्त संवर ५५,५६ | ब्रह्मदत्त निर्जरा ५७,६५ | श्रीभूति . रावण अनुयोगद्वार रुद्रदत्त सम्यग्दृष्टि ६०,६५,७९ नरकगति दुःख आठ अंग ६२,६७ अशुभतर लेश्या आठ गुण पृथिवियाँ सम्यग्दर्शन सागर प्रमाण अंजनचोर तिर्यंचगति अनन्तमती मनुष्यगति उद्दायन राजा गुणभद्र रेवती रानी देवगति जिनेन्द्र भक्त मरणचिन्ह वारिषेण मिथ्यात्व विष्णुकुमार दर्शन प्रतिमा वज्रकुमार अष्टमूलगुण श्रावक व्रतप्रतिमा उदुम्बरफल अहिंसाणुव्रत व्यसन-सप्त सत्याणुव्रत | अचौर्याणुव्रत | ब्रह्मचर्याणुव्रत १४२ '१४२ १४५ १६२ १६५ १६६ १६८ १७२ १७४ १७६ १८२ १८४ or or or wor or or or १८६ १८९
SR No.002269
Book TitleVasnunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilsagar, Bhagchandra Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages466
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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