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१४. सर्वोत्तम पुरुष का लक्षण ब्रह्मचर्य पालनोपदेश
अनित्यादि १२ भावनाओं का महत्व विजयकुँवर और विजया
सत्ताईस वकार (नोट)
१५ उत्तमोत्तम पुरुषों का स्वरूप
मनोविकार को जीतने का उपाय
रथनेमि और राजीमती
१६. उत्तम पुरुषों के लक्षण वीर्यरक्षा का उपदेश १७. मध्यम पुरुषों के लक्षण मार्गानुसारी गुणों की व्या. न्यायोपात्त द्रव्य पर एक दृष्टांत निर्बुद्धि श्रोता का उदाहरण
• राजा भोज का प्रश्न
परोपकार की मुख्यता १८. चार भेदवाले पुरुषों की प्रशंसा
गुणप्रेमी और गुणद्वेषी साधु का दृष्टांत
१९. शिथिलाचारी भी निंद्य नहीं
संसार में पुष्पसमीरीत से चलो
२०. अधमाधम पुरुषों को उपदेश, देने की रीति
२१. अल्पगुणी का भी बहुमान करो
२२. स्वगच्छ या परगच्छ के गुणी साधुओं पर अनुराग जैनियों का ह्रास (तालिका)
लेख लिखने में सत्य, शांति और मधुरता को स्थान दो
२३. गुणों के बहुमान' से गुणों की सुलभत
गुणहीन के विषय में राजा भोज का प्रश्न और विद्वानों की गोष्ठी
२४. उपसंहार और गुणराग का फल
शिक्षा सुधा (वचनामृत )
ग्रंथकार का परिचय
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