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________________ Xv पुटाया 591-603 591 591 592 595 595 603-614 603 604 605 605 610 .... 613 शब्दार्थसम्बन्धनिरूपणम् शब्दार्थयोः सम्बन्धाक्षेपः शब्दार्थयोः सम्बन्धे विकल्पाः शब्दार्थयोरविनाभावसम्बन्धपक्षः .... समयस्यैव शब्दार्थसम्बन्धत्वसिद्धान्तः अविनाभावादेः शब्दार्थसम्बन्धत्वनिरास: वेदप्रामाण्यनिर्धारणक्रमः वेदप्रामाण्यहेतोरातोक्तत्वस्यासंभवशङ्का अनुमानेनासोक्तत्वनिश्चयसमर्थनम् .... आयुर्वेदादिदृष्टान्ताद्वेदप्रामाण्यनिरूपणम् मायुर्वेदमामाण्ये हेतुः मीमांसकोतवेदप्रामाण्यसाधनप्रक्रिया वेदानां प्रवाहतोऽनादित्वम् अथर्ववेदप्रामाण्यनिरूपणम् भथर्ववेदस्य वेदत्वाक्षेपः वेदानां त्रयीरूपत्वम् भट्टोक्ताऽथर्ववेदस्य वेदत्वसाधनप्रक्रिया सिद्धान्तोक्ताऽथर्ववेदस्य वेदस्व साधनप्रक्रिया . मथर्ववेदस्य वेदत्वं श्रुत्यादिसिद्धम् .... अथर्वणो वेदत्वं स्मृतिकारसम्मतम् .... अथर्वणो वेदस्वं शास्त्रकारसम्मतम् .... अथर्वणस्नय्यनन्तर्गतत्वेऽपि मावेदत्वम् मथर्वणस्यीरूपत्वम् अथर्वणो ब्रह्मवेदत्वम् अथर्वणो ऋग्वेदस्वपक्षः अथर्ववेदश्रेष्ठयम् मागमप्रामाण्यम् भागमप्रामाण्याक्षेपः .... 614.629 .... 614 614 615 615 617 618 619 620 621 623 625 .... 626 629-649 .... 629
SR No.002265
Book TitleNyayamanjari Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK S Vardacharya
PublisherOriental Research Institute
Publication Year1969
Total Pages810
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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