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परिशिष्ट २७३
११३. विंशतिविंशिका
श्री हरिभद्रसूरिकृत के. वी. आभ्यंकर _ (संस्कृत)
संवत १९८९ ११४. वीतरागस्तोत्रम् कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य कृत (संस्कृत)
प्रसिद्धकर्ता : नगीनभाई घेलाभाई झबेरी, प्रकाशक देवचन्द लालभाई पुस्तकोद्धार, ई. स
१९११. ११५. वीतरागस्तोत्रम् हेमचन्द्राचार्य विरचित __ (संस्कृत)
सोमोदयगणिकृत चूर्णि और प्रभानन्दसूरिकृत विवरण सहित
प्रकाशक-ज्ञानमंदिर. ११६. समवायांगसूत्रम् सुधर्मास्वामीप्रणीत, वृत्तिकार-अभयदेवसूरि (अर्धमागधी-संस्कृत) प्रकाशक-आगमोदय समिति, निर्णयसागर बम्बई
वि. सं. १९७४ ई. स. १९१८ ११७. श्री समवसरणस्तव ग्रंथकर्ता-धर्मघोषसूरि, प्रकाशक-श्री जैन
आत्मानन्दं सभा (भावनगर), वी. सं. २४३७,
वि. सं. १९६७. ११८. समवसरणरचनाकल्प .. कर्ता-जिनप्रभसूरि, प्रकाशक सिंधी
(विविध तीर्थकल्प के जैन ज्ञानपीठ, शांतिनिकेतन (बंगाल)
अंतर्गत) (प्राकृत) ग्रंथ १0, वि. स. १९९०, ई.स. १९३४. ११९. सम्यक्त्वसप्तति
कर्ता-हरिभद्रसूरि-वृत्तिकार-तिलकाचार्य - (संस्कृत)
निर्णयसागर, झबेरी बजार, मुंबई देवचंद लालभाई पुस्तकोद्धार फंड, ग्रंथ ३५, वि. सं. १९७२, वी. सं. २४४२,
ई. स. १९१६. १२०. सप्ततिशतस्थान प्रकरणम् कर्ता श्री सोमतिलकसूरि, वृत्तिकार-देवविजयजी, (संस्कृत)
आत्मानंद जैन सभा, भावनगर, वि. सं.
१९७५, ई. स. १९१८, वी. सं. २४४५. १२१. सप्तरिसयस्थान प्रकरण । अनुवादक-ऋद्धिसागरजी, बुद्धिसागर (गुजराती)
जैन ज्ञानमंदिर, वी.सं.२४६०, वि. सं. १९९०. १२२. समकितना सड़सठबोलनी कर्ता-उपाध्याय यशोविजयजी
सज्झाय (गुजराती) श्री जीवनश्रेयस्कर मंडल म्हेसाणा,