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अध्याय ७
प्रव्रज्या-कल्याणक
प्रव्रज्या १. लोकांतिक देवों का आगमन २. सांवत्सरिक दान की व्यवस्था एवं विधि ३. महायोग के महापथ पर महाभिनिष्क्रमण ४. . प्रव्रज्या-विधि-(वस्त्राभूषण त्याग) ५. सिद्धों को नमस्कार एवं सावधयोग के प्रत्याख्यान ६. निर्मल विपुलमति मनःपर्यवज्ञान का आविर्भाव ७. संयमानुष्ठान विधि एवं हेतु ८. स्वाश्रित साधना • ९. अनुत्तर योगविधि १०. अरिहंत परमात्मा के ध्यान में ध्येय ११.. अरिहंत की तपश्चर्या १२. अरिहंत की आहार चर्या १३. अरिहंत की विहार चर्या १४. परीषह विजेता अरिहंत १५. उपसर्ग विजेता अरिहंत