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॥ प्राकृतसंस्कृतनाममाला ॥
(१७)
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दार . दिक्ष
द्वार, दार
नपुं०
द्विज
दिवस
पुं०
दिअह दिआ दिखा दिग्याउ
दिवा दीक्षा
अ०
स्त्री०
दीर्घायुष
दिहि ।
वि० स्त्री०
दृष्टि दृष्ट - दृष्टान्त
दिट्ठ
बारणु, स्त्री ब्राह्मण दिवस दिन
दीक्षा लांबा आयुषवालो
आंख देखेलु उदाहरण दिवस आपेलु सूर्य कान्ति दियर
वि०
दिटुंत
दिण
दिन
.
न०
वि०
पुं०
दिन नशीब-दीव्य,
दिण्ण दिणमणि दित्ति दिअर दिअह. दिव्व दिवायर दीवि दीह, दिग्धो दुआइ. . दुक्कय । दुग्ग .
दत्त दिनमणि दीप्ति देवर दिवस देव-दीव्य दिवाकर दीपिन् दीर्घ द्विजाति दुष्कृत दुर्ग दुष्ट दुग्ध दुर्धर दुंदुभि द्वार द्वादशाङ्ग दूर्वा दुःख विधा
दुहित . दूती
#saksift +ek skii gay k sasu ki sikshit
वि०
सूर्य दीपडो लांबु ब्राह्मण पाप किल्ली दोषवालु
वि०
दुध
वि.
दुद्धरदुंदुहि दुवार दुवालसंग दुव्वा दुह, दुक्ख
कठिन दिव्य वाजिंत्र
बारणु बार अङ्ग घासविशेष
पीडा बे प्रकारनी. दीकरी
अ
.
दुहिआ
दूती