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________________ . .. ॥ प्राकृतसंस्कृतनाममाला ॥ anoooooooooooooooooooooooooranveervewwwwer कलत्र कलाप न० पुं० न० स्त्री . न० कपड कलत कलाव कल्लाण .... कलिआ - कवड कवय . करुष कवोअ . कवाय . कसिणपक्ख कसिण, कसण . कह, कहं, कहा का काउस्सग्ग कायम्ब कासय 'किंचि . कल्याण कलिका कपट कवच काव्य कपोत क्रव्याद कृष्णपक्ष न० न० og.ogg स्त्री समूह कल्याण कळी कपट बखतर काव्य पारेवु मांसभक्षक वदिपक्ष काळु केम कथा शरीर कायोत्सर्ग हंस घरधणी खेडुत कांइपण कृष्ण 'कथं कथा काय कायोत्सर्ग कादम्ब 'कर्षक किश्चित् कृत्य किया किरात वि० अ० स्त्री० पु० पुं० पुं० पुं० अ० किच्च स्त्री . क्रिया भिल्ल क्लीब न० कियां, किरिया, किराय किलिव किवाण कीणास कुणव कुप्पास कुमुअ कुसुमरअ कृपाण कीनाश कुणप कुर्पास नपुंसक तरवार यमराज मुडदु चोली कमल मकरन्द कुसुमरजस् कुवो किसाणु कृशानु केतु अग्नि ध्वजा
SR No.002256
Book TitlePrakrit Rupmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturvijay
PublisherVadilal Bapulal Shah
Publication Year1926
Total Pages340
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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