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प्रतिपाय
सतरहवां सर्ग 'भरत-बाहुबली के बीच हुए बार प्रकार के युद्धों का वर्णन । बाहुबली का ध्यानुस्थ हो जाना और भरत का अयोध्या की ओर प्रस्थान।
श्लोक परिमाण
छन्द
लक्षण
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प्रहर्षिणी। त्र्याशाभिर्मनजरगाः प्रहर्षिणायम एक मगण, एक नगण, एक जगण, एक रमण और अंतिम गुरु (sss, l,si, Fas,.s)। इस छन्द के प्रथम तीनों अक्षर तथा आठवां, दसवां, बारहवां और तेरहवां दीर्घ होता है और तीसरे और दसवें अक्षर पर विश्राम होता है।