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प्रतिपाद्य
श्लोक परिमाण
छन्द
लक्षण
पांचवां सर्ग
भरत की सेना का युद्ध के लिए सज्जित होना ।
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द्रुतविलंबित।
I
'द्रुतविलंबितमाह नभौ भरौ ।' इसमें १२ अक्षर होते हैं । चौथा, सातवां, दशवां और बारहवां अक्षर गुरु होता है । इसका गण इस प्रकार है( एक नगण, दो भगण, और एक रगण - 111, 5 511, 515) ।
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