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________________ पाठ १६ (क) अकारान्त क्रियाएँ : इच्छा/आज्ञा एकवचन बहुवचन अहं पासमु = मैं देखू। अम्हे पासमो = हम सब देखें। तुमं पासहि = तुम देखो। तुम्हे पासह = तुम सब देखो। सो पासउ = वह देखे। ते पासंतु = वे सब देखें। उदाहरण वाक्य : अहं विज्जालयं गच्छम मैं विद्यालय जाऊँ। तमं दव्वं इच्छहि तुम धन को चाहो। सो अत्थ न खेलउ वह यहाँ न खेले। अम्हे अज्ज वागरणं पढमो — हम आज व्याकरण पढ़ें। तुम्हे तत्थ सत्थं सुणह तुम सब वहाँ शास्त्र सुनो। : ते तत्थ 'भुंजंतु. वे वहाँ भोजन करें। . . सा अत्थ कज्ज करउ वह (स्त्री) यहाँ कार्य करे। सा पत्तं लिहउ वह पत्र लिखे। ताओ अत्थ कहं कहंतु वे (स्त्रियाँ) यहाँ कथा कहें। । ते वागरणं पुच्छंतु __= वे व्याकरण पूछे। प्राकृत में अनुवाद करो : . . हम सब नमन करें। वह धनं ग्रहण करे। तुम आज कार्य करो। मैं पुस्तक को पहूँ । वे सब वहाँ न दौड़े। वह (स्त्री) यहाँ नाचे। तुम सब प्रतिदिन सेवा करो। वे (स्त्रियाँ) यह न जानें। वह प्रतिदिन वहाँ खेले। वे भीतर पूजा करें। क्रियाकोश : होना रम . = रमण करना ताड = पीटना विहर · = विहार करना. हण मारना सद्दह = श्रद्धान करना बढ़ना निन्द = निन्दा करना गुंथ = गूंथना लंभ = प्राप्त करना मना करना तिम्म = भीगना साह = कहना लंघ = लांघना अच्छ = ठहरना सक्क = समर्थ होना . . अक्कोस = आक्रोश करना सर = याद करना आसंक = संदेह करना हरिस = खुश होना निर्देश : इन क्रियाओं के तीनों पुरुषों एवं दोनों वचनों में विधि (इच्छा) और आज्ञा के रूप लिखो तथा उनका वाक्यों में प्रयोग करो। हव प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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