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________________ ७. भूतकाल में आ, ए, ओकारान्त क्रियाओं में ही प्रत्यय के अतिरिक्त सी एवं हीअ प्रत्यय भी प्रयुक्त होते हैं। जैसेसभी पुरुषों एवं दाही = दासी, दाहीअ. सभी वचनों में पाही = पासी, पाहीअ. णेही = णेसी, णेहीअ होही = होसी, होहीअ ८. . भविष्यकाल में मूलक्रिया में स्स प्रत्यय भी विकल्प से जुड़ता है। जैसे- मू. क्रि. एकवचन बहुवचन . ... पास उ. पु. पासिहिमि= पासिस्सामि पासिहामो = पासिस्सामो म. पु. पासिहिसि= पासिस्ससि पासिहित्या = पासिस्सह अ. पु. पासिहिइ = पासिस्सइ । पासिहिति = पासिस्संति . दा उ. पु. दाहिमि = दास्सामि दाहामो = दास्सामो म.पु. दाहिसि = दास्ससि दाहित्था = दास्सह अ. पु. दाहिइ = दास्सइ . दाहिति = दास्संति ९. विधि तथा आज्ञार्थक क्रियारूपों में मध्यपुरुष के एकवचन में विकल्प से निम्न रूप भी प्रयुक्त होते हैं। मू. क्रि. सीखा हुआ रूप । वैकल्पिक रूप । अर्थ कुण कुणहि = कुण, कुणह, कुणसु करो मुंच मुंचहि = मुंच, मुंचह, मुंचसु, छोड़ो जंप जंपहि = जंप, जंपह, जंपसु , बोलो जाण जाणहि = जाण, · जाणह, जाणसु जानो पेसहि = पेस, पेसह, पेससु भेजो धार धारहि = धार, धारह, धारसु धारण करो सिक्ख सिक्खहि = सिक्ख, सिक्खह, सिक्खसु सीखो झा झाहि = झायह, झाएह ध्यान करो दा दाहि = दाह, दो . मोच मोचहि = माएह, मोयसु छोड़ो निक्कास निक्कासहि = निक्कासय निकालो EEEEEEEE देहि १४२ प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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