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________________ Un प ज एकवचन बहुवचन ४. अन्यपुरुष प्र. वि. ताओ= तीआ . (स्त्री) तृ. वि. ताए = ताहि= तीहि च. प. वि. ताअ = तिस्सा ताण= तेसिं स. वि. ताए = तासु= तीसु ५. ज-जो सर्वनाम के विभिन्न रूप . पुल्लिंग रूप स्त्रीलिंग रूप ए.ब. बन एब ब. ब. प्र. जो . जे जा जाओ, जीओ द्वि. . जं जे जाओ, जीओ तृ. जेण . जेहि जीआ, जीए जाहिं, जीहि च. जस्स जाण जिस्सा, जाए जाण, जेसिं पं. जम्हाजत्तो जाहिंतो . जित्तो, जीए जाहिंतोज़ीहितो पं. जस्स . जाण । जस्सा, जीए जाणजेसिं स. जम्मि, जस्सि' जेसु जाए, जीए जासु, जीसु रूप प्र. जं जाणि, जाई द्वि. जं जाणि, जाई (शेष विभक्तियों के रूप पुल्लिंग के समान होते हैं ) .क्रियाएँ: ६. . क्रियाओं के अंतिम अ अथवा आ को वर्तमान काल में विकल्प से ए भी होता है तब क्रियाओं के रूप इस प्रकार प्रयुक्त होते हैं। अकारान्त क्रियाएँ । एकवचन बहुवचन उत्तमपुरुष जंपामि = जंपेमि जंपामो = जंपेमो मध्यमपुरुष जंपसि =जंपेसि जंपित्या = जंपेत्था अन्यपुरुष जंपइ =जंपेइ जंपति ___ = जंपेंति गमइ ___ = गमेइ गमति . = गमेंति कहइ = कहेइ कहति = कहेंति पालइ = पालेइ पालंति = पालेंति = वएइ वअंति = वएन्ति आकारान्त क्रियाएँ = देमि _ = देसि दाइत्या = देइत्था दाइ = देइ दांति = देंति दामो = देमो مي مي مي 4
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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