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________________ पाठ (ग) प्रेरक भाववाच्य सामान्य क्रियाएँ : वर्तमानकाल मए हसावीअइ/हसाविज्जइ = मेरे द्वारा हंसाया जाता है। अम्हेहि हसावीअइ/हसाविज्जइ = हमारे द्वारा हँसाया जाता है। तुमए धावावीअइ/धावाविज्जइ = तुम्हारे द्वारा दौड़ाया जाता है। तेण झावीअइ/झाविज्जइ = उसके द्वारा ध्यान कराया जाता है। बालाए णच्चावीअइ/णच्चाविज्जइ = बालिका के द्वारा नचाया जाता है। छत्तेण भणावीअइ/भणाविज्जइ = छात्र के द्वारा पढ़ाया जाता है। भूतकाल . . मए हसावीअई/हसाविज्जीअ = मेरे द्वारा हँसाया गया। तेण धावावीअईअ/धाविज्जीअ = उसके द्वारा दौड़ाया गया। तुमए णच्चावीअईअ/णच्चाविज्जीअ = तुम्हारे द्वारा नचाया गया। ' छत्तेण भणावीअईअ/भणाविज्जीअ = छात्र के द्वारा पढ़ाया गया। भविष्यकाल तेण हसाविहिइ/हसाविज्जिहिइ = उसके द्वारा हँसाया जायेगा। अम्हेहि पढाविहिइ/पढाविज्जिहिइ . = हमारे द्वारा पढ़ाया जायेगा। तुमए धावाविहिइ/धावाविज्जिहिइ = तुम्हारे द्वारा दौड़ाया जायेगा। विधि एवं आज्ञा . . तेहि सुणावीअउ/सुणाविज्जउ . = उनके द्वारा सुनाया जाय । तेण पढावीअउ/पढाविज्जउ = उसके द्वारा पढ़ाया जाय तुमए नमावीअइ/नमाविज्जउ . = तुम्हारे द्वारा नमन कराया जाय । क्रियाकोश : मोह = मोहित होना कूद्द = कूदना लोभ करना चव्व = चबाना सगह संग्रह करना बुक्क = भौंकना प्रशंसा करना थक्क = थकना । संवर रोकना कंडूअ = खुजाना खेद करना लुण = काटना हर = छीनना वरिस = वरसना लुब्भ सलह सीअ प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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