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________________ पाठ नियम : सम्बोधन (पु, स्त्री, नपुं.) । पुल्लिंग शब्द : नि. ५७ : पुल्लिंग अ, इ एवं उकारान्त शब्दों के सम्बोधन में प्रथमा विभक्ति के समान रूप बनते हैं जैसे. ए.व.: बालओ सुधी सिसू बव. : बालआ सुधिणो सिसुणो स्त्रीलिंग शब्द : नि. ५८ : (क) आकारान्त स्त्री. शब्दों के सम्बोधन में प्रथम विभक्ति के समान रूप बनते हैं। ए.व. : बाला - सुण्हा माला बर्व. : . बालाओ सुण्हाओ मालाओ (ख) ईकारान्त तथा ऊकारान्त स्त्री.शब्द सम्बोधन के एकवचन में हस्व हो जाते हैं। (ग) बहुवचन में प्रथम विभक्ति के बहुवचन जैसे ही उनके रूप बनते हैं। जैसेए.व. : नई = नइ, बहू = बहु, सासू = सासु . बव.:... नईओ. बहूओ सासूओ . नपुंसकलिंग शब्द : . . . नि. ५९ : (अ) अ,इ एवं उकारान्त नपुं. शब्द सम्बोधन के एकवचन में मूल शब्द के रूप में . ही प्रयुक्त होते हैं । जैसे- . ___ ए.व. : णयर = णयर, वारि = वारि, ' वत्थु = वत्थु .. (ब) सम्बोधन बहुवचन में उनके प्रथमा विभक्ति के बहुवचन वाले रूप प्रयुक्त होते हैं। जैसे. बव. : णयराणि वारीणि वत्थूणि अभ्यास हिन्दी में अनुवाद करो : निवो, अम्हाण रक्खं करहि । भडा, तत्थ जुझं मा करह। रिसी, ते णाणं दाहि । गुरुणो, तुम्हाण अम्हे सीसा सन्ति । गोवा, मज्झं दुद्धं दाहि। दासि, इदं कजं करहि । बहिणीओ, अम्हाण कहं सुणह। हियय, दाणिं तुमं सन्तं होहि । मित्ताणि, पावकम्माणि मा करह । चारित्त, तुमं मज्झ, धणं असि । .. खण्ड १
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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