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________________ पाठ कुलवईण सिसुणो अ, ई एवं उकारान्त संज्ञा शब्द (पु.) : षष्ठी = का, के, की षष्ठी एकवचन बहुवचन बालअ बालअस्स बालआण पुरिस पुरिसस्स पुरिसाण छत्त छत्तस्स छत्ताण सीस सीसस्स सीसाण .णर णरस्स णराण सुधि सुधिणो सुधीण कवि कविणो कवीण कुलवइ कुलवइणो सिसु सिसूण साहु . साहुणो साहूण उदाहरण वाक्य: एकवचन इदं पोत्थअं बालअस्स अस्थि .. यह पुस्तक बालक की है। इमो पुरिसस्स सिसू अत्थि यह आदमी का बच्चा है। इदं छत्तस्स घरं अत्थि . यह छात्र का घर है। तं सत्थं सीसस्य अत्थि वह शास्त्र शिष्य का है। णरस्स जम्मो सेट्ठो अस्थि = . मनुष्य का जन्म श्रेष्ठ है। सुधिणो णाणं वड्डइ विद्वान् का ज्ञान बढ़ता है। सो कविणो सम्माणं करइ वह कवि का आदर करता है। अत्थ कुलवइणो सासणं अत्थि . = . यहाँ कुलपति का शासन है। सिसुणो जणओ गच्छइ = बच्चे का पिता जाता है। इमो साहुणो सीसो अत्थि = यह साधु का शिष्य है। प्राकृत में अनुवाद करो : बालक का पिता जाता है। यह पुस्तक आदमी की है। यह छात्र का कार्य है। वह शिष्य का घर है। यह मनुष्य का मित्र है। वह विद्वान् की पुत्री है। कवि का काव्य उत्तम है। हम कुलपति का सम्मान करते हैं। बच्चे की माता जाती है। यह साधु का शास्त्र है। प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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