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पाठ
४३
फल
अ इ एवं उकारान्त संज्ञा शब्द (नपुं.) :
चतुर्थी एकवचन णयर
णयरस्स
फलस्स पुण्फ
पुष्फस्स कमल
कमलस्स घर
घरस्स
खेत्तस्स सत्थ
सत्थस्स वारि
वारिणो दहि
दहिणो
वत्थुणो उदाहरण वाक्य :
. चतुर्थी = के लिए
बहुवचन । णयराण फलाण पुप्फाण
कमलाण. . घराण ..
खेत्ताण सत्थाण . वारीण .. दहीण... वत्थूण :
वत्थु
..
..
एकवचन.
णिवो णयरस्स धणं दाइ = · राजा नगर के लिए धन देता है। सिसू फलस्स कंदइ = बच्चा फल के लिए रोता है। सा पुष्फस्स सिहइ = वह फूल की चाहना करती है। . तं जलं कमलस्स अत्थि = वह जल कमल के लिए है। इदं वत्थु घरस्स अत्थि = यह वस्तु घर के लिए है। इदं वारिं खेत्तस्स अत्थि = यह पानी खेत के लिए है। अहं सत्थस्स सिहामि = मैं शास्त्र की चाहना करता हूँ। इमो तडाओ वारिणो अत्थि = यह तालाब पानी के लिए है। इदं पत्तं दहिणो अस्थि = यह पात्र (बर्तन) दही के लिए है।
सो वत्थुणो धणं दाइ = वह वस्तु के लिए धन देता है। प्राकृत में अनुवाद करो :
___ यह धन नगर के लिए है। वह फल के लिए धन देता है। मैं फूल की चाहना करता हूँ। बच्चा कमल के लिए रोता है। यह पानी घर के लिए है। राजा खेत के लिए धन देता है। यह बर्तन दही के लिए है। वह दही की चाहना करता है। यह घर शास्त्र के लिए है। यह धन वस्तु के लिए है।
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प्राकृत स्वयं-शिक्षक