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बौद्ध और जैनदर्शन के विविध आयाम . १९७० के दशक में देश के कई भागों में महिलाओं ने शराबखोरी के खिलाफ लडाई छेडी, यह मुद्दा ८० और ९० के दशकों में भी महत्त्वपूर्ण रहा । हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तामिलनाडु, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में यह विशेष रूप से चला । महिलाओं का कहना था की इससे परिवारों में वित्तीय संकट तो बढता ही है, घरेलू हिंसा भी बेहद बढती है। महाराष्ट्र के धूलिया जिले में महिलाओं को समर्थन मिला एक वामपंथी संस्था 'काश्तकारी संगठन से, तो उत्तराखंड में नेतृत्व में थी गांधीवादी विचारधारा की कुछ महिलाएं । आंध्र प्रदेश में आंदोलन की आग 'संपूर्ण साक्षरता अभियान' (१९९०) के दौरान भडकी. ।
१९७० के दशक के प्रारंभ में बढ़ती महंगाई के खिलाफ आंदोलन छिडा। इसमें सबसे जोरदार आवाज महाराष्ट्र से उठी । इसमें भाग लेने वाली अग्रणी महिलाएं थीं समाजवादी पार्टी की मृणाल गोरे, मार्क्सवादी. पार्टी की अहल्या रांगेकर तथा कई और राजनीतिक पार्टियों से जुडी महिलाएं । यह आंदोलन गुजरात में भी जोरों से चला, यहां इसे 'नवनिर्माण आंदोलन का नाम दिया गया। भारी संख्या में छात्रों और घरेलू महिलाओं ने इसमें भाग लिया । एक्टीविस्ट भूख हडताल पर बैठे ।
१९७४ में हैदराबाद में एक नया महिला संगठन 'प्रगतिशील महिला संगठन' बना । इसे कुछ कम्युनिस्ट महिलाओं ने मिलकर बनाया था । महाराष्ट्र में १९७५ में 'पुरोगामी महिला संगठन' बना जिसकी प्राथमिकता दलित महिलाएं
और देवदासियां थीं । महाराष्ट्र में 'स्त्री मुक्ति संगठन' और 'महिला समता सैनिक दल' बने जिन्होंने दलित महिलाओं के मुद्दे उठाए ।
__ इस तरह भारत में स्वायत. महिला संगठनों की शुरूआत हुई । सन् १९७० और २००० के बीच अनेक स्वायत्त महिला समूह एवं संगठन बने । कुछ उल्लेखनीय संगठन हैं - मुंबई में 'फोरम अगेस्ट रेप', 'फोरम अगेस्ट अप्रेशन ओफ विमेन', दिल्ली में 'सहेली' : हैदराबाद में 'अस्मिता', बंगलौर में 'विमोचना' तामिलनाडु में 'पेनुरम्मा इयाक्कम', उत्तरप्रदेश में महिला मंच' ।
उत्तराखंड के सुदूरपूर्व गांवों में ग्रामीण महिलाओं ने एक पर्यावरणीय नारीवादी आंदोलन चलाया जो 'चिपको' आंदोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ । इसे सारी दुनिया ने पहचाना और सराहा ।
_ 'सेवा' ट्रेड यूनियन गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित होने के कारण अलग तरह से विकसित हुआ है। गुजरात में असंगठित श्रम के क्षेत्र की महिलाओं को संगठित करने का प्रयास इन्होंने किया हैं । इनसे लगभग ५० व्यावसायिक समूह