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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
का मान ऊँचाई का है ।
For the 82 tala scale (applicable to statues of Brihaspati (Jupiter) etc.), I now relate the relative proportions. The keshanta should be 3, face 12, ( 24 ); neck 3, chest 9 and stomach 13 angulas respectively. The area from the navel to the end of the torso (medra) should be 12 angulas. ( 25 ). The distance from the medra through the thigh to the knee should be 22 angulas. The knee should be 3 angulas, the portion from the knee to the ankle 22 angulas, and from the ankle to the foot 3 angulas ( 26 ). ( The complete figure being 102 angulas ) .
नव ताल के मान से अवयवों का मान
नवतालं प्रवक्ष्यामि ब्रह्माद्या देवता यथा ।
केशान्तं च त्रिमात्रं तु . . कर्त्तव्यं देवरूपकम् ॥२७ ॥ यावन्मानो भवेत्तालो विभजेद् रविभागकैः । सूर्य-राम-दशार्काब्धि-वसु-जैन-युगार्हताः ॥२८ ॥
वेदा वक्त्रगलौ वक्षो नाभिस्तूदरगुह्यकम् । तथोरू जानुनी जंघे चरणौ च यथाक्रमम् ॥ २९ ॥
ब्रह्मा आदि देवों की मूर्तियों के अवयवों का मान नव ताल के मान से कहता हूँ । एक ताल के बारह अङ्गुल, इस मान से केशान्त (मस्तक) तीन अङ्गुल, मुख बारह अङ्गुल, गला तीन अङ्गुल, छाती दश अङ्गुल, छाती से नाभि तक बारह 'अङ्गुल, नाभि से उदर तक चार अङ्गुल, उदर से लिंग तक आठ अङ्गुल, लिंग से घुटना तक ऊरु चौबीस अङ्गुल, घुटना चार अङ्गुल, घुटना से पैर की गाँठ तक जंघा चौबीस अङ्गुल और गाँठ से पैर के तल भाग तक चार अङ्गुल, इस प्रकार एक सौ आठ अङ्गुल का मान ऊँचाई का है ।
Now I speak of statues in the 9 talas scale, in which Brahma and other gods should be made. The keshanta should be 3 angulas. (27). The face should be 12 angulas, neck 3, chest 10, and distance between chest and navel 12 angulas. The navel to stomach area should be 4 angulas, and stomach to base of the